आजाद नेब, जयपुर, N.I.T : नोटबंदी के ऊपर ये कहावत पूरी तरह फिट बैठती है और पूरा देश आज तक समझ नहीं पाया कि नोटबंदी हुई किसलिए थी , जो जो कारण जनता को बताये गए वे सभी कारण बेकार सिद्ध हुए और उनका कोई हल नहीं निकला बल्कि समस्या पहले से भी ज्यादा बढ़ गयी है , आतंकवाद पर लगाम सबसे बड़ा फायदा बताया जा रहा था परंतु अब कश्मीर में वारदाते और भी ज्यादा बढ़ गयी है , अब तो नकली नोट भी आने लग गए है , काला धन कुछ भी नही निकला , कोई एक भी फायदा हो तो कोई बताये ,
नोटबंदी के बाद राजस्थान की जनता को बजट में उम्मीद थी की शायद बैंक ट्रांसक्शन टैक्स लगाकर जनता को बाकि टेक्स से राहत दी जायेगी परंतु बजट तो खोदा पहाड़ निकला चूहा , वो भी मरा हुआ ही साबित हुआ
अब नयी बात निकली है बैंको द्वारा ट्रांसक्शन टैक्स लगाने की , में बार बार कह रहा हु और फिर कह रहा हु जितने आप टैक्स लगाओगे उतना ज्यादा टैक्स की चोरी होगी , जितना कम टैक्स होगा उतनी कम चोरी होगी और टैक्स ज्यादा आएगा पता नहीं ये बात हमारे सिस्टम बनाने वालों को क्यों समझ नहीं आती
इस तरह के टैक्स और चार्जेज से तो जो लोग थोड़ा बहुत बैंको से जुड़े थे वे भी अब बैंकिंग से दूर हो जाएंगे और कैशलेस भारत का सपना सपना ही रह जायेगा